नई दिल्ली । विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि अंतरराष्ट्रीय भगवती भजनसम्राट श्री नरेन्द्र चंचल जी का आज दिनांक 22 जनवरी 2021 ई. को देहावसान हो गया है । जगदम्बे मां उन्हें अपने चरणों में स्थान दे । ओइ्म शांति ! शांति !! शांति !!!
स्व. श्री नरेन्द्र चंचल जी एक बहुत ही अच्छे इंसान थे । महंत सच्चिदानन्द गिरि जी के माध्यम से मुझे उन्हें मिलने , जानने और समझने का अवसर मिला था ।
प्रथम जनवरी 2003 ई. को मेरी पहली पुस्तक -- "गोस्वामी गीतमाला" प्रकाशित हुई थी जिसमें मैं चंचल जी का "आशीर्वचन संदेश" छापना चाहता था । महंत सच्चिदानन्द गिरि के साथ मैं उनके निवास पर गया तथा मैंने अपना मंतव्य उनको बताया । मैंने सोचा छपने के लिए वे अपना संदेश मुझे वैसे ही दे देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ । वे बोले - "मैं पहले सारी पुस्तक को पढ़ूंगा उसके बाद अपना लिखित संदेश दूंगा ।" उन्होंने अपनी पत्नी को मुझसे मिलवाया और पत्नी को बताया - "ये कविराज निर्मोही जी हैं । इनकी प्रकाशित होनेवाली पुस्तक के लिए मैं संदेश लिखता हूँ । आप इनके लिए भोजन तैयार कराइए ।" करीब डेढ़ घंटा तक उन्होंने मेरी पुस्तक को पढ़ा और वे बहुत प्रसन्न नज़र आये । उनका कहना था - "पुस्तकें तो मैंने बहुत पढ़ी हैं लेकिन ऐसी कभी नहीं पढ़ी जिसमें साहित्य की हर विधा का समावेश है । मैं पढ़कर धन्य हो गया।" उन्होंने लिखित संदेश मुझे थमाया जो कि मेरी पुस्तक के पृष्ठ संख्या 7 पर अंकित है [ साक्ष्य के लिए फोटो संलग्न है ] । तब तक भोजन भी तैयार हो चुका था । फिर हमने स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया । उसके बाद उन्होंने अमृतसर का मशहूर हलुवा भी हमें खिलवाया ।संस्था "गोस्वामी समाज दिल्ली" ( रजिस्टर्ड ) ने नयी दिल्ली में रिजर्व बैंक के पीछे स्थित मावलंकर सभागार में सन् 1997 ई. में "होली मंगल मिलन" का भव्य आयोजन किया था । उस समय मैं संस्था का महासचिव था और महंत सच्चिदानंद गिरि अध्यक्ष थे। चंचल जी को विशेष रूप से बुलाया गया था । वहाँ उनके कई गीत सुनने को मिले थे जिन्हें सुनकर उपस्थिति लोग झूम उठे थे ।
चंचल जी 31 दिसंबर को हर साल माता वैष्णो की शान में कटरा ( जम्मू ) में भगवती जागरण करते थे । एक बार दिल्ली की गोस्वामी टोली के साथ मुझे भी वहाँ जाने का अवसर मिला था । बाद में सुबह उनसे एक होटल में मुलाकात भी हुई थी । हमने उनके साथ फोटो खिचवाये थे । मेरी बेटी कुमारी लेखा गोस्वामी भी साथ थी ।
महंत सच्चिदानन्द गिरि के मंझले बेटे के वैवाहिक रिश्ता तय होने की खुशी में दिल्ली के शानदार होटल डी - मेरियन में उन्होंने जागरण किया था जहाँ मैं परिवार सहित उपस्थित था ।
मेरे जन्म स्थान जहांगीराबाद जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश की गोस्वामी चौपाल पर बने मंदिर पर भी उन्होंने ही जागरण किया था । उस तिथि के पच्चीस साल पूर्ण होने पर फिर उन्होंने जागरण किया था जिसमें मैं दिल्ली से जाकर शामिल हुआ था [ फोटो संलग्न है ] ।
यद्यपि वे गोस्वामी नहीं थे परंतु वे गोस्वामी समाज के बारे में वे अच्छी राय रखते थे ।
ऐसी महान आत्मा को मेरा वंदन , नमन और विनम्र श्रद्धांजलि।
गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही , नयी दिल्ली
गोस्वामी चेतना मंच मालवा मेवाड़ क्षेत्र
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