शिक्षा से गोस्वामियों का पुराना नाता है । प्राचीनकाल में गोस्वामी लोग शैव मठों पर पुजारी या महंत होते थे । गोस्वामी लोग मठों में विद्यालय भी चलाते थे । वे शिक्षा का प्रचार-प्रसार करते थे । भारतीय समाज में गोस्वामियों को गुरू का दर्जा प्राप्त था । उन्हें "गुरू जाति" कहा जाता था । गुरू जाति ही बाद में गोस्वामी ( गोसाईं ) जाति कहलाई ।
गोस्वामी लोग प्राचीनकाल में शैव संन्यासी कहलाते थे । शैव संन्यासियों ने ही अद्वैत वेदांत का सिद्धांत प्रतिपादित किया था । शैव संन्यास परम्परा में ही आदिशंकराचार्य का प्रादुर्भाव हुआ था जिन्होंने लगभग 240 ग्रंथों की रचना की थी । गोस्वामियों ने ज्ञान तथा विद्या का दीपक जलाकर इस देश के अज्ञान और अंधकार को भगाया ।
आज भी अधिकतर गोस्वामी लोग शिक्षा के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं । इस जाति के ज्यादातर लोग या तो शिक्षक हैं या विद्यालयों व महाविद्यालयों के संचालक हैं । उदाहरण के लिए--प्रोफेसर राजेश गिरि दिल्ली के राजधानी ( डिग्री ) कॉलेज में प्रिंसिपल हैं । दिल्ली में श्रीमती मीना गोस्वामी पत्नी श्री के. जी. गोस्वामी दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग से उप निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हैं । श्री के. जी. गोस्वामी स्वयं दिल्ली सरकार से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हैं । स्व.श्री आर. सी. भारती के दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगभग एक दर्जन पब्लिक स्कूल हैं । स्व.श्री हरवीर गिरि के 'सेंट गिरि स्कूल' के नाम से दिल्ली में लगभग आधा दर्जन पब्लिक स्कूल हैं । गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही की पत्नी भी दिल्ली में एक पब्लिक स्कूल की संचालिका एवं प्रधानाचार्या थीं । श्री सुशील कुमार गिरि का दिल्ली में एक बड़ा स्कूल है और बागपत जिले में एक बी. एड. कॉलेज है । दिल्ली में स्व. श्री सुरेंद्र गिरि का प्रेमनगर ( पटेलनगर ) में एक स्कूल है।
गुरू जी घनश्याम गिरि प्रताप गढ़ (यू.पी.) से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हैं । प्रयागराज ( इलाहाबाद ) निवासी श्री राम आश्रय गोस्वामी राष्ट्रपति पदक विजेता शिक्षक रहे हैं । डॉ.सन्त गिरि इलाहाबाद में जयराम-जानकी डिग्री कॉलेज चला रहे हैं । एडवोकेट राम किशोर गिरि मेरठ में कई "सेंट गिरि पब्लिक स्कूल" चला रहे हैं । ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं । सभी के बारे में लिखना सम्भव नहीं है । कुछ के नाम इस प्रकार हैं--विवेकानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़ी सादड़ी जिला चित्तौड़गढ़, सिद्धि विनायक सेवा एवं शिक्षण संस्था उदयपुर, जयश्री विद्या प्रचारिणी समिति मेनार ( उदयपुर ) , जयश्री पब्लिक सेकेंडरी स्कूल मेनार (उदयपुर ) , दा टेलेंट एकेडमी अमरपुरा ( खालसा ) , जयश्री पब्लिक यूनिट एकेडमी तारावट , गोस्वामी रामपुरी उच्च माध्यमिक विद्यालय उदयपुर । उदयपुर जनपद में श्री एम.जी.गोस्वामी का एक डिग्री कॉलेज भी है ।
गोस्वामी समाज में शिक्षकों की तो भरमार है । यह गोस्वामी समाज के लिए शुभ संकेत है । शिक्षा ही उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है । शिक्षा के बल पर भविष्य में गोस्वामी समाज में एक बहुत बड़ा बदलाव आनेवाला है । शिक्षा के बल पर आज हमारे समाज में अनेक डॉक्टर , इंजीनियर , वकील , वैज्ञानिक , प्रशासनिक अधिकारी ( आई. ए. एस. एवं आई. पी. एस. ) , जज और मजिस्ट्रेट हैं । लेकिन यह सिलसिला रुकना नहीं चाहिए । कई गोस्वामी लोग और संस्थाएं प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित कर रहे हैं और उनकी आर्थिक मदद भी कर रहे हैं । जगह-जगह गोस्वामी छात्रावास बनाये जा रहे हैं ।राजस्थान में यह प्रक्रिया ज़ोरों पर है। गोस्वामी लोगों में चेतना का संचार हो रहा है । लेकिन अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है ।
शिक्षा से सम्बंधित मेरा एक गीत बहुत लोकप्रिय है और जिसे मैं अक्सर मंचों पर गाता रहता हूँ । उसे जानने एवं समझने की ज़रूरत है :---
शिक्षा बुला रही है
शिक्षा बुला रही है , विद्या बुला रही है ।
पढ़ना ही ज़िन्दगी है,किस्मत बुला रही है।।
जाना स्कूल, कभी मत भूल,
सीखो सबक ये बच्चो ।
सब घर का प्यार , तुम पर अपार,
पढ़ना है खूब बच्चो ।
मैडम बुला रही है, टीचर बुला रही है।
शिक्षा बुला रही है, विद्या बुला रही है।।
पढ़ना जीवन, ना पढ़ना मौत,
आगे ही पढ़ता चल ।
हिम्मत ना हार ,गर दुख हज़ार,
आगे ही बढ़ता चल ।
मंज़िल बुला रही है, राहें दिखा रही है।
शिक्षा बुला रही है, विद्या बुला रही है।।
आदर, सत्कार, प्यार, दुलार
सिखलाती शिक्षा रानी ।
भारत का भार, तुम पे अपार
बतलाती विद्या रानी ।
पुस्तक बुला रही है, लेखनी बुला रही है।
शिक्षा बुला रही है, विद्या बुला रही है ।।
उत्तम स्कूल, शिक्षा अनुकूल,
जानो सभी ये लोगो ।
सहयोग दो , प्यार भी दो,
बदले में सेवा भोगो ।
समिति बुला रही है, संस्था बुला रही है।
शिक्षा बुला रही है, विद्या बुला रही है ।।
© महाग्रंथ "गोस्वामीनामा" से । लेखक - गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही, नयी दिल्ली ।
9818461932
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