प्रैस प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ है । आज प्रैस-मीडिया का ज़माना है । देश के कोने-कोने में गोस्वामी पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित होती रही हैं और हो रही हैं । मैं पिछले सौ वर्षों का रिकार्ड प्रस्तुत करने जा रहा हूँ । गोस्वामी पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन व्यक्तियों का नाम बड़ी श्रद्धा से लिया जाता है -- स्व. श्री पृथ्वी गिरि हरि गिरि (यवतमाल ) , स्व. श्री नृसिंह गिरि मणि गिरि महेता ( कातारगाम , गुजरात ) और स्व.श्री महादेव गिरि शम्भु ( प्रयागराज ) ।
स्व.श्री पृथ्वी गिरि हरि गिरि ने सन् 1902 में दैनिक पत्रिका "हरि किशोर " का प्रकाशन शुरू किया था । सन् 1907 ई० में उन्होंने लोकमान्य तिलक के एक लेख को अपनी पत्रिका में छाप दिया । सरकार ने उनके छापेखाने को जब्त कर लिया । उनपर एक हज़ार रूपयों का जुर्माना लगाया और उन्हें दो साल के सश्रम कारावास की सजा हुई । उनको बैल मानकर तेल का कोल्हू चलवाया जाता था जिससे उनका 29 किलोग्राम वजन घट गया था । पत्रकारिता के क्षेत्र में उससे पहले इतनी कठोर सजा कभी किसी पत्रकार को नहीं दी गई थी । जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपना समय स्वाध्याय में लगाया और अनेक पुस्तकों को पढ़ने के बाद उन्होंने मराठी में अपना एक अद्भुत ग्रंथ लिखा - "गोसावी व त्यांच्या सम्प्रदाय " लिखा जिसका प्रथम भाग सन् 1926 ई. में दूसरा भाग सन् 1931 ई. में प्रकाशित हुआ , शायद उनकी मृत्यु के बाद । जेल में रहने से उनको टीबी हो गई थी जो कि जानलेवा सिद्ध हुई ।
कातारगाम ( गुजरात ) निवासी स्व. आचार्य नृसिंह गिरि ने पत्रिका "दशनाम गोस्वामी" का सम्पादन एवं संचालन किया था । लोगों को दशनाम गोस्वामियों के इतिहास , मंत्रों , नियमों को उन्होंने बताया ।
स्व. श्री महादेव गिरि शम्भु ने प्रयाग में सन् 1936 ई०में "गोस्वामी प्रैस" की स्थापना करके "गोस्वामी" पत्रिका को शुरू किया था । उन्होंने गोस्वामियों की उत्पत्ति पर विशद खोजबीन की । उनकी पत्रिका का बहुत उच्च स्तर था । आज भी लोग उनकी पत्रिका और लेखों से प्रेरणा प्राप्त करते हैं ।
आधुनिक युग में गोस्वामी पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन - चार गोस्वामियों के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं -- पं० गिरि मोहन गुरू नगरश्री ( होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ) , श्री डोरी लाल गोस्वामी ( दिल्ली ) , स्व. श्री घीसू लाल भारती ( भवानीखेड़ा , अजमेर , राजस्थान ) , श्री प्रहलाद वन गोस्वामी ( कोटा ) , श्री राजेन्द्र भारती ( इंदौर ) , स्व. श्री भीमपुरी ( दिल्ली ) , डॉ. गजेन्द्र गिरि ( दिल्ली ) , गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( दिल्ली ) ।
पं० गिरि मोहन गुरू नगरश्री ने होशंगाबाद ( मध्य प्रदेश ) में नर्मदा सेवाश्रम संस्थान की स्थापना के बाद शिव संकल्प साहित्य परिषद का गठन करके पत्रकारिता एवं साहित्य में अपनी बुलंदी के झंडे गाड़े । अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन किया और दर्जनों ग्रंथ प्रकाशित किये ।
श्री घीसू लाल भारती ने एक पाक्षिक अखबार "गोस्वामी प्रकाश" लगभग बीस वर्षों तक चलाया । उनके अखबार के लेख बड़े मूल्यवान हैं ।
श्री प्रहलाद वन गोस्वामी गोस्वामी पत्रिका "गोस्वामी आभा" लम्बे अरसे से प्रकाशित करते आ रहे हैं।
दिल्लीवासी गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ने गोस्वामी पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया , एक नया कीर्तिमान स्थापित किया । भारत और नेपाल में शायद ही कोई गोस्वामी अखबार रहा हो जिसमें इनके लेख न छपे हों । ये संस्था "गोस्वामी समाज दिल्ली" की एकमात्र हिंदी मासिक पत्रिका "गोस्वामी समाज दर्पण" के तीन बार सम्पादक रहे । दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका "गोस्वामी संसार" और "नाथ चेतना" के सह सम्पादक रहे । भूतपूर्व राष्ट्रपति स्व. श्री वी. वी. गिरि की 125वीं जयंती ( अगस्त , 2019 ई० ) के अवसर पर इन्हें पटना से प्रकाशित पत्रिका "जिज्ञासा संसार" का अतिथि सम्पादक बनाया गया । उस अंक में सारे लेख गोस्वामियों पर प्रकाशित हुए जो कि एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है । अनेक गोस्वामी पत्रिकाओं ने इन्हें अपना प्रतिनिधि , सम्वाददाता , सहयोगी , विशिष्ट सहयोगी और सलाहकार बनाया । भारत और नेपाल से प्रकाशित लगभग सभी अखबारों और पत्रिकाओं में इनके अनगिनत लेख छपे । ऐसी पत्र - पत्रिकाओं के नाम हैं --- गोस्वामी समाज दर्पण ( दिल्ली ) , गोस्वामी संसार ( दिल्ली ) , देवयोग ( दिल्ली ) , ग्रीन सत्ता ( दिल्ली ) , नाथ चेतना ( दिल्ली ) , गोस्वामी गौरव ( बुलंदशहर ) , गोस्वामी उदय ( मेरठ ) , संन्यासी ( भोपाल ) , गोस्वामी आभा ( कोटा ) , गोस्वामी कल्याण ( दिल्ली / प्रयागराज ) , गोस्वामी ज्ञानोदय ( डूंडा सिवनी , मध्य प्रदेश ) , दशनाम प्रकाश ( भवानीखेड़ा , अजमेर ) , गोस्वामी दर्शन ( प्रयागराज ) , सेवाश्रम संदेश ( होशंगाबाद , मध्य प्रदेश ) , गोस्वामी डायरेक्टरी ( बहराइच , उत्तर प्रदेश ) , गोस्वामी जागरण ( इंदौर ) , वन देवी ( मुम्बई ) , अखंड दशनाम दर्शन ( मुम्बई ) , अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी दिग्दर्शिका ( कोटा ) , अतीत अस्मिता ( बालवा , जामजोधपुर , जामनगर , गुजरात ) , गोस्वामी चेतना समाचार ( नीमच , मध्य प्रदेश ) , नवा नेपाल ( नेपाल ) इत्यादि । अभी यह क्रम जारी है ।
कुछ गोस्वामी पत्र-पत्रिकाएं पहले चलती थीं लेकिन अब उनका प्रकाशन बंद है जिनके नाम इस प्रकार हैं--"गोस्वामी दर्पण" ( श्री गणेश भारती, कोदई , बलिया ) , "गोस्वामी उदभव" (एटा , उ.प्र. ) , "गोस्वामी समाज" ( रूड़की , उ.प्र. ) , "गोस्वामी पंचामृत" ( भोपाल ) , "गोस्वामी ज्ञानदीप" ( नागपुर ) , "जगद्गुरु" ( पटना ) , "गोस्वामी विभूति" (होशंगाबाद ) , "गोस्वामी संदेश" ( मंदसौर ) , "गोस्वामी कल्याण " ( दिल्ली/ इलाहाबाद ) , "दशनाम गोस्वामी गौरव" ( दिल्ली ) , "गोस्वामी संसार " ( दिल्ली ) , "दशनाम गोस्वामी सेवक" ( नांदेड़ ) , "दशनाम गोस्वामी प्रहरी" ( पंसेरी, राजस्थान ) , "दशनाम गोस्वामी दिव्य ज्योति" ( भीनमाल , राजस्थान ) , "संन्यासी" ( भोपाल ) , "गोस्वामी दर्शन" ( प्रयागराज ) , "सेवाश्रम संदेश" ( होशंगाबाद ) , "देवयोग " ( दिल्ली ) , "दशनामी दर्शन" ( नेपाल ) , दिल्ली गोस्वामी समाज की अधिकृत मासिक हिंदी पत्रिका "गोस्वामी समाज दर्पण" (क्रमशः सम्पादक स्व.श्री भीमपुरी , डॉ. गजेंद्र गिरि , श्री राधा कान्त भारती , गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ) , "गोस्वामी गौरव"( बुलंदशहर ),"वनदेवी" ( मुम्बई ) , "अखंड दशनाम दर्शन" (मुम्बई ) , "गोस्वामी ज्योति" ( प्रयागराज ) , "दशनाम प्रकाश" ( भवानीखेड़ा , अजमेर ) , "गोस्वामी उदय" ( मेरठ ) इत्यादि ।
वर्तमान में जारी पत्रिकाएं---"गोस्वामी आभा" ( कोटा ), "गोस्वामी जागरण" ( इंदौर ) , "अतीत अस्मिता" ( बालवा, गुजरात ) , "गोस्वामी चेतना समाचार" ( नीमच , मध्य प्रदेश ) इत्यादि ।
© महाग्रंथ "गोस्वामीनामा" से । लेखक - गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही , नयी दिल्ली । 9818461932
0 टिप्पणियाँ