आदित्य गोस्वामी की कलम से..
आत्म स्वरुप स्वजाति बंधुओ!
सादर ओम नमो नारायणाय ।
प्रसन्नता की बात है कि गोस्वामी आभा हिन्दी मासिक पत्रिका पिछले 17 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही है ।अब हमारा यह गरिमामय प्रकाशन 18 में प्रवेश कर रहा है। इस सफलता के पीछे देवाधिदेव शंकर भगवान की असीम कृपा, राष्ट्र व समाज के पूजनीय संतों का आशीर्वाद व प्रेरणा रही है। साथ ही अपने समाज के प्रज्ञावान सेवा भावी बंधुओं का आत्मिक सहयोग, सुधी पाठकों का स्नेह,विज्ञापन दाताओं का स्नेह भरा सहयोग भी सफलता का कारण रहा है।
हमारा ध्येय है कि हमारा गोस्वामी सर्वांगीण उन्नति करे । शिक्षा, अध्यात्म, वैदिक सनातन धर्म व संस्कृति का पुरोधा बने।
आदि शंकराचार्य जी की कालजयी शिक्षाओं को आत्मसात कर राष्ट्र एकता के महामंत्र अद्वैत का शंखनाद करे। अहंब्रह्मास्मि, अयमात्मा ब्रह्म,प्रज्ञानं ब्रह्म, तत्वमसी महावाक्यों को आत्मसात् कर पुनः जगद्गुरु के पद पर आरूढ़ हो । हिन्दू धर्म संस्कृति का संरक्षण व पोषण का सिपाही बने। पावन भगवा का सम्मान करे।
हमारा ध्येय है कि
गोस्वामी आभा तो कल्पवृक्ष है स्वजाति का ध्रुव तारा है ।
गोस्वामी फिर से जगद्गुरु हो यह संकल्प हमारा है
अमृत घट कर में लेकर वेदों लेकर आभा ।
स्वजाति का मंगल करने आई है गोस्वामी आभा ।।
आप सभी का सहयोग ही हमारा संबल है ।।
निवेदक
प्रह्लाद वन गोस्वामी एम ए मानसहंस कोटा राजस्थान ।
सम्पर्क 9414189052
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