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दशनाम समाज का गौरव चांदाखेड़ी मठ पिपलोदा ( म.प्र)

मध्यप्रदेश के ज़िला रतलाम में चांदाखेड़ी एक पुराना मठ है जोकि रतलाम-प्रतापगढ़ बस मार्ग पर स्थित है । इस मठ के चमत्कारी संन्यासी बाबा महंत दरियावपुरी थे जिनकी समाधि यहाँ देखी जा सकती है । बुजुर्गों ने बताया है कि  यहाँ के राजा से कुछ लोगों ने शिकायत की कि महात्मा जी के मठ में महिलाएं रहती हैं । राजा के कान खड़े हो गये क्योंकि संन्यासी को विवाह करने और संतान उत्पन्न करने की मनाही होती है ।  यही संन्यास धर्म का नियम है । राजा ने सच्चाई को जानने का मन बनाया । बिना पूर्व सूचना के राजा अचानक मठ में जा पहुंचे । उस समय दरियावपुरी बुखार से बुरी तरह पीड़ित थे । सेवकों ने राजा के पधारने की सूचना महात्मा को दी । दरियावपुरी बिस्तर छोड़कर आसन पर विराजमान हो गये और राजा से बातचीत करने लगे । उधर राजा की निगाह संन्यासी की रजाई पर पड़ी जोकि उछल रही थी । राजा को रजाई में महिला होने का शक हुआ । तब महात्मा ने बताया :- "मान्यवर ! जब आप पधारे थे तब मैं बुखार से पीड़ित था परंतु आपके आगमन को सुनकर बुखार को बिस्तर में छोड़कर आ गया था । वह बुखार ही बिस्तर में उछल रहा है।" राजा को विश्वास नहीं हुआ और उसने रजाई को ऊपर उठा लिया लेकिन वहाँ उसे कुछ नहीं मिला । राजा अपने कृत्य पर बहुत शर्मिंदा हुआ और संन्यासी से माफी मांगकर अपने महल को चला गया । अब वह संन्यासी इस दुनिया में नहीं है लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी बन जाती है कि ऐसे महान चमत्कारी  गोस्वामी संन्यासी पूज्य श्री दरियावपुरी जी की समाधि का जीर्णोद्धार करायें और मठ को सुरक्षित रखें ।
* प्रस्तुति :- रामपुरी गोस्वामी शहर थाना जावरा ,रतलाम।

©महाग्रंथ "गोस्वामीनामा" से साभार ।


 

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