लेखक :- विनोद अरोड़ा , बुलंदशहर
बुलंदशहर दो शब्दों से मिलकर बना है : बुलंद + शहर । बुलंद का अर्थ होता है ऊंचा और शहर का अर्थ होता है नगर । वास्तव में बुलंदशहर एक ऊंचा नगर है क्योंकि असली नगर एक ऊंचे परकोटे पर बसा हुआ है । बुलंदशहर एक नगर भी है और एक जनपद भी है । बुलंदशहर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। बुलंदशहर, अनूपशहर, जहांगीराबाद, खुर्जा, स्याना, डिबाई, सिकंदराबाद , नरौरा , आहार , दौलतपुर एवं शिकारपुर इसके प्रमुख नगर हैं । बुलन्दशहर नगर इस जनपद का मुख्यालय है। बुलंदशहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली से 77 किलोमीटर की दूरी पर बसा शहर है। मेरठ भी यहां से 77 किलोमीटर है । साथ ही बहती है काली नदी। यह शहर मुख्यतः सड़कों से मेरठ, अलीगढ़, बदायूं, गौतम बुद्ध नगर व गाजियाबाद से जुडा हुआ है। बुलंदशहर जनपद के नरौरा क्षेत्र में गंगा के किनारे भारत वर्ष में विद्यमान परमाणु विद्युत ताप ग्रह में से एक विद्युत ताप ग्रह स्थापित व सुचारू रूप से प्रयोग में है।
इतिहास
बुलन्दशहर का प्राचीन नाम बरन था। इसका इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना अहिबरन नाम के राजा ने की थी। बुलन्दशहर पर उन्होंने बरन टॉवर की नींव रखी थी। राजा अहिबरन ने एक सुरक्षित किले का भी निर्माण कराया था जिसे ऊपर कोट कहा जाता रहा है । इस किले के चारों ओर सुरक्षा के लिए नहर का निर्माण भी था जिसमें इस ऊपर कोट के पास ही बहती हुई काली नदी के जल से इसे भरा जाता था । राजा अहिबरन ने इस सुरक्षित परकोटे में अपनी आराध्या कुलदेवी माँ काली के भव्य मंदिर की भी स्थापना की थी। तुर्क आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने बरन शहर पर आक्रमण किया था और यहां भारी तबाही मचाई थी । मुगल काल के दौरान इस किले (नगर) पर आधिपत्य के बाद औरंगजेब के प्यादे द्वारा यहाँ जन विध्वंस भी हुआ व भारी संख्या में हिन्दुओं को जबरन मुस्लिम बनाया । राजा अहिबरन के वंशज राजा अनूपराय ने भी यहाँ शासन किया जिसने अनूपशहर नामक शहर बसाया । उसकी शिकारगाह आज शिकारपुर नगर के रूप में प्रसिद्ध है। मुगल काल के अंत और ब्रिटिश काल के उद्भव समय में जनपद में ही मालागढ़ रियासत, छतारी रियासत व दानपुर रियासत की भी स्थापना हो चुकी थी जिनके अवशेष आज भी जनपद में विद्यमान हैं । ऊंचा गांव में कुंवर सुरेंद्र पाल सिंह का किला है जो कि इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे । जहांगीराबाद में कुंवर भान प्रताप का शाही परिवार और किला है । किले के सामने नवाब साहब की कोठी है । छतारी पहले दशनाम गोस्वामियों ( गोसाइयों ) की रियासत थी । छत्तर और हरि दो गोसाईं भाई थे जिनके नाम पर इसका नाम छतारी पड़ा । कालांतर में छतारी पर मुसलमानों का कब्जा हो गया । वहां का शासक "छतारी नवाब" कहलाता था जिसकी बड़ी धाक थी, रुतबा था । उसके पास लम्बी - चौड़ी रियासत थी , जायदाद थी । छतारी का नवाब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को बहुत मदद करता था । अब से लगभग 50 वर्ष पूर्व नवाब के शहजादे ने कानपुर के आर्य समाज मंदिर में मुस्लिम धर्म को छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाया था और अपना नाम " आनंद सिंह " रख लिया था जो कि अब देहरादून में सपरिवार रह रहा है और जिसके पास आज भी लम्बी- चौड़ी जायदाद है । उसके रहन- सहन और बोलचाल से शाही झलक मिलती है । दानपुर रियासत का नबाब जलील खान कट्टर इस्लामिक था और छतारी रियासत ब्रिटिश परस्त रही।
भूगोल
बुलन्दशहर भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के ठीक पश्चिम में स्थित है। पूर्व में गंगा नदी व पश्चिम में यमुना नदी इसकी सीमा बनाती है। बुलन्दशहर के उत्तर में मेरठ तथा दक्षिण में अलीगढ़ ज़िले हैं। पश्चिम में राजस्थान राज्य पड़ता है। इसका क्षेत्रफल 1,887 वर्ग मील है। यहाँ की भूमि उर्वर एवं समतल है। गंगा की नहर से सिंचाई और यातायात दोनों का काम लिया जाता है। निम्न गंगा नहर का प्रधान कार्यालय नरौरा स्थान पर है। वर्षा का वार्षिक औसत 26 इंच रहता है। पूर्व की ओर पश्चिम से अधिक वर्षा होती है।
यातायात और परिवहन
वायुमार्ग :- सबसे निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। बुलन्दशहर से दिल्ली 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब जेवर में अति प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है
रेलमार्ग :- भारत के कई प्रमुख शहरों से रेलमार्ग द्वारा बुलन्दशहर पहुँचा जा सकता है। बुलंदशहर नगर में केवल एक रेलवे स्टेशन है । रेलवे मार्ग की यहां भारी कमी है अन्यथा यह क्षेत्र तरक्की में और आगे निकल जाता है ।
सड़कमार्ग :- बुलन्दशहर सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, आगरा, अलीगढ़ और जयपुर आदि शहरों से सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा है।
उद्योग और व्यापार
दूध के कारोबार में बुलंदशहर देश में अपनी एक नयी पहचान बना रहा है। बुलंदशहर की पारस डेरी , मधुसूधन डेरी , सेवा डेरी जिले के साथ साथ एन सी आर को भी दूध मुहैया करा रही हैं । कुछ स्थानों पर राजपूतों , गुर्जरो, जाटों के परिश्रम से भूमि कृषि योग्य कर ली गई है। यहाँ की मुख्य उपजें गेहूँ, चना, मक्का, जौ, ज्वार, बाजरा, कपास एव गन्ना आदि हैं। जहांगीराबाद की गुड़ एवं अनाज की मंडी बहुत प्रसिद्ध है । लिहाफों की छपाई और लोहे की कढ़ाइयों के लिए भी जहांगीराबाद जाना जाता है । बरतनों का काम खुर्जा, लकड़ी का काम बुलंदशहर व शिकारपुर में होता है। कांच से चूड़ियाँ, बोतलें आदि भी बनती हैं।
खुर्जा में बनने वाली क्रॉकरी विश्व प्रसिद्ध है। गणतंत्र दिवस पर जिले का नाम बढ़ने वाली क्रॉकरी खुर्जा में ही बनाई जाती है। करघे से कपड़ा बुना जाता है। नगर बुलन्दशहर में पानी के हेंडपम्प बनाने की भी कई ईकाइयों हैं । खुर्जा व बुलन्दशहर नगर में कई नामी आयुर्वेदिक चिकित्सक भी रहे है।
पर्यटन
बुलन्दशहर जनपद पर्यटन की दृष्टि से भी भारतवर्ष में उत्तम स्थान पर है। जनपद बुलंदशहर महान संतों, वैद्यों व योगियों की जन्म व् कर्म भूमि रहा है। आहार कस्बे में महाभारतकालीन साक्ष्य भी प्रमाण स्वरूप प्राप्त हुए है। वर्तमान में भी कई उच्च स्थिति संत व योगी यहाँ निवास करते है क्योकिं यह जनपद दो महत्त्वपूर्ण नदियों गंगा व यमुना के मध्य स्थित है और इस कारण से यह पवित्र भूमि है। आहार, सिद्धबाबा अनूपशहर , अवंतिका देवी , राजघाट , बेलोन देवी अपने धार्मिक स्थल हैं । बुलंदशहर , खुर्जा और जहांगीराबाद काली की झांकियों के लिए जाने जाते हैं ।
बुलंदशहर नगर
यह जनपद का मुख्यालय नगर है। यहाँ ब्रिटिश कालीन टाउन हॉल है, जिसमें वर्तमान में जिला निर्वाचन कार्यालय है। नगर के मध्य काला आम चौराहे पर पार्क है जिसमें ब्रिटिश काल का विक्टोरिया क्लॉक टावर आज भी है। काला आम चौराहा शहीदों की वीर भूमि है इसका वर्तमान में नामकरण शहीद भगत सिंह के नाम पर शहीद चौक है, यहाँ पर ब्रिटिश अधिकारी क्रांतिकारियों को सरेआम फाँसी पर लटकाते थे, इसी वजह से इसे क़त्ल-ए-आम चौराहा कहते थे जो वर्तमान में अपभ्रन्शित होकर काला आम चौराहा हो गया। नगर में स्वयंभू शिवलिंग मंदिर है जिसका नाम राजराजेश्वर मंदिर है इस मंदिर का निर्माण राजा अनूपराय ने कराया था। नगर में तीन पुरातन मंदिर है भूतेश्वर महादेव, कालेश्वर मंदिर और देवी भवन मंदिर
नगर के चौक बाज़ार में प्राचीन राम मंदिर है और वही मंदिर के सड़क पार स्वयंभू प्रकट है सिद्ध हनुमान जी जहाँ मंगलवार व शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ रहती है। शहर में अनेक विद्यालय और महाविद्यालय हैं ।
अनूपशहर :- गंगा तट पर बसा यह शहर छोटी काशी के नाम से भी प्रसिद्ध है, इस शहर को राजा अनूपराय ने बसाया था । इसी नगर के अंतर्गत महर्षि भृगु जी की तपस्थली है जिसे भृगु आश्रम के नाम से जानते है। महाकवि सेनापति की यह जन्मभूमि है।
कर्णवास :- किवदंती है कि यहाँ प्रत्येक दिवस गंगा में स्नान कर के राजा कर्ण सवा मन स्वर्ण दान किया करते थे। यहाँ सिद्ध साधु बंगाली बाबा का भी आश्रम है जहाँ आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द अपनी भारत यात्रा के दौरान आये थे।
आहार :- गंगा तट पर ही स्थापित माँ देवी का मंदिर है जहाँ भगवान कृष्ण की पटरानी रुक्मणी जी पूजा के लिए आती थी तथा भगवान कृष्ण व देवी रुक्मणी का प्रथम मिलन यही हुआ था। यही पास में सिद्ध बाबा (श्री महादेव) जी का मंदिर है जिसमें भगवान शिव की स्वयंभू लिंग है श्रावण मास व महाशिवरात्रि में लाखों श्रद्धालु गंगोत्री व ऋषिकेश से कावंड (गंगाजल) लाकर शिवलिंग पर चढाते है।
बेलौन :- इस स्थान पर सिद्ध शक्ति पीठ है। यहाँ माँ दुर्गा से मनोकामना मांगने पर मनोकामना पूरी होती ही है। यह स्थान डिबाई नगर व नरौरा उपनगर के मध्य स्थित है।
नरौरा :- यह स्थान परमाणु विद्युत ताप ग्रह के स्थापित होने से प्रसिद्ध है। आजादी के बाद गंगा पर प्रथम बैराज यहीं बना था जिसका उदघाटन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु ने किया था। परमाणु विद्युत केंद्र का उद्घाटन श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था ।
तथ्य
जनसंख्या - 50 लाख
क्षेत्रफल - 4352 वर्ग किलोमीटर
टेलीफोन कोड - 05732
जनपद के खुर्जा नगर के पास आयुर्वेद मेडिकल कॉलिज है जिसकी स्थापना वैद्य गोपाल दत्त शर्मा ने की है।
जनपद में बुलन्दशहर नगर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयुर्वेदिक चिकित्सक वैद्य श्री किशोर मोहन शर्मा जन्म-भूमि व कर्म-भूमि रहा है। जिनकी सन्तति आज भी आयुर्वेद की निष्काम भाव से सेवा कर रही है।
जनपद के गाँव ऊटरावली में जन्मे बाबू बनारसी दास जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे।
भाजपानीत प्रदेश सरकार में माननीय वीरेंद्र सिंह सिरोही केबिनेट राजस्व मंत्री व माननीय महेन्द्र सिंह यादव केबिनेट माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे है । ऊंचा गांव के कुंवर सुरेंद्र पाल सिंह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे । बरवाला गांव के आरिफ मोहम्मद खान राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे और इस समय केरल के राज्यपाल हैं । जहांगीराबाद के श्री महेश चंद्र शर्मा दिल्ली में महापौर रह चुके हैं ।
जनपद की पूर्व में रही अगौता विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित माननीय किरनपाल सिंह प्रदेश सरकार में केबिनेट बेसिक शिक्षा मंत्री रहे है।
जनपद में विधानसभा क्षेत्र-
1. बुलंदशहर
2. सिकंदराबाद
3. शिकारपुर
4. खुर्जा
5. डिबाई
6. अनूपशहर
7. स्याना
संशोधक एवं प्रस्तुतकर्ता :- गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही , नयी दिल्ली , 9818461932 [ पूर्व निवासी जहांगीराबाद ]
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