
गोस्वामी चेतना समाचार का पवित्र उद्देश्य है कि गोस्वामी समाज के ऐसे सभी महापुरुषों का परिचय हम सम्पूर्ण भारत वर्ष में प्रत्येक दशनाम परिवार तक पहुंचा सके,जिनसे हम सबको गर्व हो सके, दशनाम समाज के प्रति गौरवान्वित महसूस कर सके । महापुरुषों के जीवन से हम सबको सीखने समझने का अवसर प्राप्त हो । आज इसी क्रम में हम दशनाम गोस्वामी समाज के एक महान कवि, लेखक,साहित्यकार, गायक महापुरुष का परिचय कराने जा रहे है, जिन्होंने भारत हि नही कई देशों में विभिन्न क्षेत्रों मे दशनाम संस्कृति का प्रचार प्रसार व समर्पित सेवक के रूप में पहचाने जाते है ।
हम परिचय करवा रहे है,राजधानी दिल्ली मे निवासरत मा.गिरिवर गिरि जी निर्मोही जी । जिनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है ----
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम :- गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही
पिता का नाम:- स्व. श्री खुशी गिरि गोस्वामी
माता का नाम:- स्व. श्रीमती खेमवती गोस्वामी
पत्नी का नाम :- स्व. श्रीमती रूपेश्वरी गिरि
पारिवारिक सदस्य :- तीन पुत्र -- कुलदीप, दीक्षांत, मोहित
दो पुत्रबधुएं -- नीलम , आकांक्षा
दो पौत्र - दिव्यांश , पंशुल
एक पुत्री - लेखा , अमित ( जमाता ), दो दौहित्र -- मुकुल, कान्हा।
जन्म तिथि- 01-01- 1953 ई.
जन्म भूमि :- जहांगीराबाद ( ज़िला - बुलंदशहर , उत्तर प्रदेश)
कर्मभूमि :- दिल्ली
शिक्षा :- एम. ए. ( अंग्रेजी , हिंदी , इतिहास , राजनीति विज्ञान ) बी.एड.
वर्ण :- शैव ब्राह्मण, जाति :- गोस्वामी, जाति शाखा :- गिरि । ऋषिगोत्र :- भृगु, कुलगोत्र ( मढ़ी ) :- रामदत्ती,
जीवन के आदर्श :- आदि शंकराचार्य , गोस्वामी तुलसी दास , स्वामी रामतीर्थ
शौक :- लेखन और गायन
वर्तमान पता :- निर्मोही कुटीर , ई - 77 , गली नं. - 28 , चाणक्य प्लेस ( सी - 1 , जनकपुरी के सामने ) , पंखा रोड , नयी दिल्ली - 110059 । मो. 9818461932 ।
विभिन्न व्यवसायों में निर्मोही :- पहले दिल्ली में रेलवे में नौकरी , बाद में रेलवे की नौकरी छोड़कर दिल्ली में कोचिंग सेंटर चलाया । फिर शासकीय शिक्षक ( टीचिंग सब्जेक्ट इंग्लिश ) । साहित्य और पत्रकारिता में भी हाथ आजमाये, पत्नी ने पब्लिक स्कूल का संचालन किया और फिर कॉस्मेटिक एण्ड गारमेंट्स की दुकान को संभाला । दिल्ली में अपने मकान- दुकान बनाये।
शिक्षक के रूप में :- टेंशन फ्री शिक्षण, आधे पीरियड में विद्यार्थियों को पढ़ाया और आधे पीरियड में उनको गीत सुनाये। बच्चे भी खुश और अधिकारी भी खुश , 100% परीक्षा परिणाम ।
गायक के रूप में :- बचपन से ही गाने का शौक था । ईश्वर प्रदत्त उच्च एवं सुरीली आवाज । 10 साल की उम्र से स्टेजों पर गीत गाये और अभी तक यह सिलसिला जारी है । बहुत लोकप्रियता मिली ।
उन अखबारों, पत्रिकाओं और पुस्तकों के नाम जिनमें निर्मोही के गीत, लेख और विचार प्रकाशित हुए
" निर्भय न्यू टाइम्स"-- जहांगीराबाद, ज़िला बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश ।
"नव प्रयाण"-- अजमेर, राजस्थान ।
"नव भारत टाइम्स"--बहादुर शाह जफ़र मार्ग, नयी दिल्ली ।
"गोस्वामी समाज दर्पण"-- गोस्वामी समाज दिल्ली की मासिक पत्रिका जिसका मैं तीन बार सम्पादक भी रहा ।
"गोस्वामी कल्याण"-- दिल्ली / प्रयागराज । सम्पादक डॉ. गजेन्द्र गिरि तथा बाद में स्व. श्री रघुवीर गिरि ।
"गोस्वामी संसार"-- दिल्ली । सम्पादक श्री डोरी लाल गोस्वामी । इसका मैं सह सम्पादक भी रहा ।
"ग्रीनसत्ता"- दिल्ली । सम्पादक एवं संरक्षक स्व.श्री आर. सी. भारती।
"वर्ल्ड सोसायटी टाइम्स" -- दिल्ली
"कल्पांत"--- त्रिनगर , दिल्ली । सम्पादक स्व. श्री मुरारी लाल त्यागी ।
"नाथ चेतना"--- जनकपुरी , नयी दिल्ली । सम्पादक इंजीनियर राधेश्याम गोस्वामी । इसका मैं सह सम्पादक रहा ।
"भागीरथी"--- कनॉट प्लेस, नयी दिल्ली ।
"उदय"--- नारायणा, नयी दिल्ली ।
"नयी दिल्ली पालिका समाचार" -- कनॉट प्लेस, नयी दिल्ली ।
"श्रीनाथ संदेश"-- दिल्ली ।
"हमारी पत्रिका" -- नयी दिल्ली ।
"उत्कर्ष" -- जनकपुरी , नयी दिल्ली । इसका मैं अंग्रेजी सम्पादक रहा ।
"इन्द्रप्रस्थ उदय"--- सीतापुरी , नयी दिल्ली ।
"देवयोग" -- सागरपुर, नयी दिल्ली । सम्पादक स्वामी सुरेन्द्र गिरि ।
"हिंदुस्तान"-- हिंदी दैनिक -- कस्तूरबा गांधी मार्ग, नयी दिल्ली ।
"संस्कारम्"--- दरियागंज , नयी दिल्ली ।
"दशनाम प्रकाश"-- भवानी खेड़ा , अजमेर, राजस्थान । इसका मैंने दिल्ली से रजिस्ट्रेशन कराकर सम्पादक स्व. श्री घीसूलाल भारती को दिलाया था ।
"गोस्वामी आभा"-- कोटा , राजस्थान । सम्पादक श्री प्रहलाद वन गोस्वामी ।
"सेवाश्रम संदेश"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश । सम्पादक पं. गिरि मोहन गुरू नगरश्री ।
"संन्यासी"-- भोपाल , मध्यप्रदेश । सम्पादक स्व. श्री मोहन पुरी गोस्वामी ।
"गोस्वामी दर्शन"-- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश । सम्पादक स्व. श्री प्रेमचंद गोस्वामी एवं श्री राम मिलन गिरि ।
"गोस्वामी डायरेक्टरी"-- बहराइच, उत्तर प्रदेश । सम्पादक बालकवि आनंद गिरि बहराइची ।
"गोस्वामी उदय"-- मेरठ , उत्तर प्रदेश । सम्पादक श्री राम किशोर गिरि एडवोकेट।
"गोस्वामी जागरण"--- इंदौर, मध्यप्रदेश । सम्पादक श्री राजेन्द्र भारती ।
"प्रतिमान"--- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"गोस्वामी गौरव"-- बुलंदशहर , उत्तर प्रदेश । सम्पादक स्व. श्री त्रिलोक चंद गोस्वामी ।
"अयोध्या संवाद"-- अयोध्या, उत्तर प्रदेश ।
"उत्तम हिंदू"--- मध्यप्रदेश ।
"गोस्वामी ज्योति"-- प्रयागराज , उत्तर प्रदेश । संरक्षक श्री संत गिरि । सम्पादक श्री धनीराम गोस्वामी।
"विनायक फीचर्स"-- भोपाल , मध्यप्रदेश ।
"दैनिक पायलट"-- मध्यप्रदेश ।
"नारायणीम्"-- कल्याण, महाराष्ट्र।
"मेकलसुता"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"वन देवी"-- मुम्बई, महाराष्ट्र । सम्पादक कौल भास्कर वीरेंद्र गिरि ।
"हस्ताक्षरश्री"--- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश । सम्पादक पं. गिरि मोहन गुरू नगरश्री।
"सृजन साक्षी"-- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"श्री नवदुर्गा चालीसा"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"श्री द्वादश चालीसा"- होशंगाबाद, मध्यप्रदेश ।
"भगवान शंकराचार्य चालीसा"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"अखंड दशनाम दर्शन"-- मुम्बई , महाराष्ट्र । सम्पादिका श्रीमती आशा गोस्वामी ।
"पीपुल्स समाचार"-- भोपाल, मध्यप्रदेश ।
"नवा नेपाल"- नेपाल । सम्पादक बालकवि आनंद गिरि बहराइची ।
"पं. गिरि मोहन गुरू के नवगीत"-- भोपाल , मध्यप्रदेश ।
"जुगनुओं से उजाला"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"समीक्षा प्रकाश सतसई"-- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"द्वार खड़े इतिहास के"-- भोपाल , मध्यप्रदेश ।
"कंकर नर्मदा के"--- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"गुरू महिमा के छंद"-- भोपाल, मध्यप्रदेश।
"अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी दिग्दर्शिका "-- कोटा , राजस्थान । सम्पादक श्री प्रहलाद वन गोस्वामी।
"श्रुतिपथ"-- रोहतक, हरियाणा ।
"जनक छंद मणिमालिका"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"श्री नर्मदा चालीसा"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"राजस्थान पत्रिका"-- चैन्नई संस्करण, तमिलनाडु ।
"जगत चर्चा"-- मेरठ , उत्तर प्रदेश । सम्पादक श्री राम किशोर गिरि एडवोकेट ।
"पं. गिरि मोहन गुरू के काव्य का समीक्षात्मक अध्ययन"-- श्रीमती भारती मिश्रा, भोपाल, मध्यप्रदेश ।
"गीतों की ओर"- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"ग़ज़ल के छिलके"-- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"An Effort"-- a school magazine , 2011- 12, सीतापुरी, नयी दिल्ली ।
"हम सब साथ-साथ"-- पटेल नगर , नयी दिल्ली ।
"अवंतिका"-- केशवपुरम , नयी दिल्ली ।
"मेरी दिल्ली"--- पंजाबी बाग , नयी दिल्ली ।
"नवदुनिया"-- भोपाल, मध्यप्रदेश ।
"अदबी माला"-- मुक्तसर, पंजाब ।
"क्रांतिकारीस्वर"-- फतेहपुर , उत्तर प्रदेश ।
"रोशनी ब्यूज"-- कोराई, फतेहपुर , उत्तर प्रदेश ।
"विप्र-वार्ता"-- रायपुर , छत्तीसगढ़ ।
"ख़बरों का सफ़र एवं नेशन केयर" - नयी दिल्ली ।
"श्याम ग्राम संदेश"-- जयपुर, राजस्थान ।
"कश्मीर टाइम्स" -- जम्मू ।
साहित्य के सितारे"-- दुर्ग , छत्तीसगढ़ ।
"अतीत अस्मिता"-- गुजराती पत्रिका । बालवा , जिला जामनगर , गुजरात । सम्पादिका कु. तृप्ति बेन वी.गोस्वामी । संरक्षक श्री वसंत गिरि ।
"नर्मदा भजनामृत"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"भजनों का गुलदस्ता"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"सेवाश्रम नर्मदा गीत"-- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"आस्था के अठारह दीप"-- होशंगाबाद , मध्यप्रदेश ।
"जनक छंद मणिमालिका"-- मैथिली संस्करण । भोपाल , मध्यप्रदेश ।
"गृहस्थ गुरू गीता"-- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"साक्षर संवाद"-- नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया , वसंत कुंज , नयी दिल्ली ।
"दोहे गुरू के द्वार"-- भोपाल , मध्यप्रदेश ।
"दोहे-देहरी-द्वार"-- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"बृहत हिंदी साहित्यकार संदर्भ कोश"-- बिजनौर , उत्तर प्रदेश । मेरे फोटो सहित मेरी साहित्यिक कृतियों का वर्णन छपा ।
"दोहा- संदर्भ - 2" -- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"जगमग दीप ज्योति"-- अलवर , राजस्थान ।
"वॉइस ऑफ इंदौर"-- इंदौर , मध्यप्रदेश ।
"समीक्षा के अभिनव सोपान" - नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"सलुआ नयी दिशा"-- मिदनापुर, प. बंगाल।
"नया भाषा-भारती संवाद" -- पटना , बिहार ।
"दिन-प्रतिदिन"-- दैनिक सांध्य । अम्बाला , हरियाणा ।
"आज अभी तक"-- ग़ाज़ियाबाद , उत्तर प्रदेश ।
"अक्षर वार्ता"-- दैनिक । उज्जैन, मध्यप्रदेश ।
"अवाम- ए-हिंद"- - दिल्ली ।
"हमारा मैट्रो" -- दिल्ली ।
"समीक्षा के बढ़ते चरण"-- नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश ।
"वचनबद्ध"-- विदिशा , मध्यप्रदेश ।
"ऐसो मध्यप्रदेश हमारो"-- होशंगाबाद, मध्यप्रदेश ।
"पं. गिरि मोहन गुरू का काव्य -- - एक मूल्यांकन" --- नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
"जनक छंद मणिमालिका" -- छत्तीसगढ़ी संस्करण । नर्मदापुरम , मध्यप्रदेश ।
" निर्मोही गीतमाला" -- चाणक्य प्लेस, नयी दिल्ली ।
"निर्मोही गीतगंगा"- चाणक्य प्लेस , नयी दिल्ली ।
"निर्मोहीनामा" - चाणक्य प्लेस , नयी दिल्ली ।
"निर्मोही सरल रामायण" - चाणक्य प्लेस , नयी दिल्ली ।
"गोस्वामीनामा" महाग्रंथ - चाणक्य प्लेस , नयी दिल्ली ।
"देवात्मा" उपन्यास - चाणक्य प्लेस, नयी दिल्ली ।
"निर्मोही की कहानियां" -- 20 कहानियां । चाणक्य प्लेस , नयी दिल्ली ।
"विजय आंदोलन"-- विनायक फीचर्स, भोपाल, मध्यप्रदेश ।
"कुम्भ दर्शनम्"-- हरिद्वार , उत्तराखंड ।
''गोस्वामी चेतना समाचार'' --नीमच मध्यप्रदेश । सम्पादक आदित्य रमेश भारती
" जिज्ञासा संसार" - पटना , बिहार । इसके अगस्त विशेषांक 2019 का मैं अतिथि सम्पादक भी रहा ।
"त्रिवेणी संगम" - भाषान्तरकार तृप्ति बेन गोस्वामी , बालवा , जामजोधपुर , जामनगर, गुजरात । प्रकाशक : शिव संकल्प साहित्य परिषद , होशंगाबाद, मध्य प्रदेश ।
निर्मोही की प्रकाशित कृतियां
"भारतीय दर्शन , धर्म तथा राजनीति पर दशनाम की छाप" ( 2003 ) -- धारावाहिक
"निर्मोही गीतमाला" ( 2003 )- गीतसंग्रह
"निर्मोही सरल रामायण " ( 2005 )--धारावाहिक
"आदिशंकराचार्य--एक बहुआयामी व्यक्तित्व" ( 2006-07 )--धारावाहिक
''निर्मोही गीतगंगा" ( 2007 ) -- गीतसंग्रह
"निर्मोही मीमांसा" -- एक पत्रक ( 2008 )
"शैवधर्म का सिंहावलोकन" ( 2008-09 ) - धारावाहिक
"गोस्वामी समाज का इतिहास" ( 2009-10 ) -- धारावाहिक
"कुम्भ का इतिहास" ( 2010 ) -- धारावाहिक
"निर्मोही की नज़र : गुरू का सफ़र" ( 2012 ) -- होशंगाबाद ( म०प्र० ) निवासी पं० गिरि मोहन गुरू के जीवन एवं साहित्य पर काव्यात्मक ग्रंथ
"निर्मोही सरल रामायण" ( 2012 )-- एक स्वतंत्र ग्रंथ के रूप में
"निर्मोहीनामा" ( 2013 ) -- निर्मोही का व्यक्तित्व , कृतित्व एवं कीर्तित्व
"गोस्वामीनामा" ( 2017 ) -- गोस्वामियों के दर्शन और इतिहास पर आधारित अद्भुत महाग्रंथ।ऐसा ग्रंथ इससे पहले कभी नहीं लिखा गया । चालीस वर्षों की मेहनत।
"देवात्मा" ( 2018 ) -- उपन्यास । एक अदृश्य और अशरीरी आत्मा की कहानी । संन्यासी जीवन एवं कार्यशैली की भी झलक।
"निर्मोही - कहानीलोक" ( 2020 ) - कहानी - संग्रह -- आज के परिवेश पर आधारित शानदार 20 कहानियां ।
पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित
निर्मोही की कहानियां
निर्मोही द्वारा लिखित कहानियां राजा- रानी की कहानियां नहीं हैं बल्कि ये सभी आज के परिवेश और परिस्थितियों पर आधारित शानदार कहानियां हैं जो कि विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं में पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं और जिन्हें पाठकों ने बहुत पसंद किया है । आओ, ऐसी उत्कृष्ट कहानियों पर एक दृष्टिपात करें :-----
*नीच कहीं का ! ( गोस्वामी समाज दर्पण, दिल्ली )
*चाणक्य का मातृप्रेम ( गोस्वामी समाज दर्पण, दिल्ली )
*कजरी (गोस्वामी समाज दर्पण, दिल्ली )
*ग्लानि (गोस्वामी समाज दर्पण, दिल्ली )
*कैसे-कैसे लोग, कैसी-कैसी भीख ! ( दशनाम प्रकाश, भवानीखेड़ा, अजमेर )
*गोरा (दशनाम प्रकाश, भवानीखेड़ा, अजमेर )
*ताऊ हनुमान गोसाईं (दशनाम प्रकाश, भवानीखेड़ा, अजमेर )
*जरैला बाबा की जय ( गोस्वामी समाज दर्पण, दिल्ली)
*बाज़ी ( ग्रीन सत्ता, दिल्ली )
*कौन है अपना ,कौन पराया ? (संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*फूला फौजी शार्पशूटर ( संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*लाजो ( संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*गुदड़ी का लाल (संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*बहू (संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*मेरे केरियर का सवाल है (संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*सोने के कंगन (संस्कारम् , नयी दिल्ली )
*बाज़ी ( कश्मीर टाइम्स, जम्मू )
*हास्य सम्राट पं० शम्भू महाराज( उत्कर्ष , नयी दिल्ली ) *लालच बुरी बला ( पालिका समाचार, नयी दिल्ली )
*वापसी (संस्कारम् नयी दिल्ली)
*बाबा हरिदास ( संस्कारम् , नयी दिल्ली )।
विशेष : उपरोक्त कहानियों को संकलित करके कहानियों की एक पुस्तक छपकर आ गई है जिसका नाम है -- "निर्मोही - कहानीलोक"
5 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 2018 तक निर्मोही की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान
नेपाल में निर्मोही का अभूतपूर्व स्वागत नवलपुर दशनामी गोस्वामी समाज नेपाल ( अध्यक्ष श्री तुलसी गिरि ) तथा नवलपुर दशनामी गोस्वामी युवा समाज (अध्यक्ष श्री मदन गिरि ) की ओर से शनिवार 6 अक्टूबर 2018 को सुबह 11:00 बजे होटल फुल मून कावासोती नवलपुर नेपाल में नेपाली दशनाम गोस्वामी युवा - युवतियों को दशनाम गोस्वामियों के इतिहास , दर्शन , योगदान , रीति- रिवाज़ों , मंत्रों , महापुरुषों , साधु- संतों , जागीरों , समाधियों , राजाओं , राजनेताओं , तीर्थों , आश्रमों , मठों , शिवालयों इत्यादि की जानकारी देने हेतु एक दिन के शिविर का आयोजन किया गया । समारोह के मुख्य अतिथि एवं वक्ता थे नयीदिल्लीवासी गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( कवि , गायक , लेखक , पत्रकार , कहानीकार , संस्मरणकार , उपन्यासकार और प्रकाशक ) । निर्मोही के नेपाल आगमन की सूचना नेपाली भाषा में रेडियो एवं टीवी पर एक विज्ञापन द्वारा बार - बार दी गई । निर्मोही द्वारा लिखित महाग्रंथ "गोस्वामीनामा" की नेपाली दशनाम गोस्वामी समाज में भारी जिज्ञासा थी । निर्मोही के आने-जाने , ठहरने और खाने-पीने का सारा खर्च नेपाल दशनामी गोस्वामी समाज ने उठाया ।
निर्मोही ने दिल्ली से अपनी हवाई यात्रा 5 अक्टूबर 2018 को शुरू की । निर्मोही के लिए 5 अक्टूबर 2018 को फ्लाइट नयी दिल्ली से काठमांडू तक थी लेकिन दशहरा का त्योहार होने की वजह से आगे की फ्लाइट नहीं मिल सकी । अतः काठमांडू में त्रिभुवन हवाई अड्डे पर ही उतरना पड़ा । काठमांडू में त्रिभुवन हवाई अड्डे पर चार पुरूषों और दो महिलाओं ने रूद्राक्षों की माला पहनाकर , भगवा पटका उढ़ाकर और श्रीफल भेंट करके निर्मोही का स्वागत किया । फिर कार में बिठाकर 180 किलोमीटर का सफर करीब सात घंटों में पूरा किया । निर्मोही को लेकर रात करीब दस बजे कावासोती नवलपुर पहुंचे जहाँ उनके खाने-पीने की व्यवस्था श्री बासुदेव गिरि सुपुत्र श्री संजय गिरि के निवास पर रखी गई जहां उनका पत्तल बनाने का कारखाना भी था । वहीं श्री गोविंद विक्रम गिरि ( उपाध्यक्ष, नेपाल दशनाम गोस्वामी समाज ) से निर्मोही की पहली भेंट हुई । रात का भोजन वहीं हुआ और रात्रि विश्राम भी ।
6 अक्टूबर 2018 ई० को सुबह दस बजे नेपाल के दो टीवी चैनलों पर निर्मोही के दो अलग - अलग इंटरव्यू हुए जिनमें निर्मोही ने दशनाम गोस्वामी समाज के इतिहास और दर्शन पर खुलकर प्रकाश डाला ।
श्री मदन गिरि , श्री तुलसी गिरि , श्री बासुदेव गिरि एवं अन्य नेपाली दशनाम गोस्वामियों के साथ निर्मोही ठीक 11 बजे कावासोती ( नवलपुर ) के होटल फुल मून पहुंचे । होटल के द्वार पर नेपाली दशनामी कन्याओं ने रुद्राक्ष की मालाएँ पहनाकर निर्मोही का स्वागत किया । फिर हॉल में प्रवेश कर गये । सारा हॉल दशनाम महिलाओं और पुरूषों से खचाखच भरा पड़ा। जैसे ही निर्मोही ने प्रवेश किया सारे लोग खड़े होकर करतल ध्वनि से स्वागत करने लगे । युवक- युवती वॉलेंटियरों का परिधान देखते ही बनता था-- ड्रेस कोड एकदम अलग था। नेपाली टोपी, रुद्राक्ष और दुर्बा घास की मालाएं पहनाकर , भगवा पटका उढ़ाकर और श्रीफल भेंट करके निर्मोही का मंच पर स्वागत किया गया । मंच की अध्यक्षता श्री गोविंद बिक्रम गिरि ने की। गणमान्य व्यक्तियों सहित युवाओं की धड़कन श्री मदन गिरि एवं श्री बासुदेव गिरि मंच पर विराजमान रहे । दो घंटों तक दशनाम गोस्वामी इतिहास और दर्शन पर निर्मोही ने लगातार भाषण दिया और दशनाम गोस्वामियों की पहचान बतानेवाला एक गीत भी सुनाया-- "गोस्वामी तो श्रेष्ठ जन हैं , जगत के गुरू हैं । बोलो - बोलो हम हैं रे दशनाम , देखो-देखो हम हैं रे दशनाम ।।" फिर आधा घंटे का इंटरवल हुआ जिसमें खाने- पीने फोटोग्राफी का काम हुआ।
इंटरवल के बाद फिर से महफिल जमी । गोस्वामियों से सम्बंधित किसी भी प्रश्न को पूछने की निर्मोही ने उपस्थित लोगों को खुली चुनौती दे डाली । लोगों ने सवाल पूछे और निर्मोही ने उनके समुचित उत्तर देकर लोगों को संतुष्ट किया । इस क्रिया में एक घंटा लगा । फिर अन्य लोगों के भाषण हुए । अच्छे कार्य करनेवालों को सम्मानित किया गया । पुस्तक ( महाग्रंथ - "गोस्वामीनामा" ) और नकद राशि को मिलाकर निर्मोही ने नेपाली मुद्रा में लगभग चौदह हज़ार रुपये वहाँ की कमेटी को अपनी ओर से भेंट किये । फिर वहाँ उपस्थित लोगों ने भी कमेटी को दान में रुपए दिये । कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरु हुआ था और शाम को 6 बजे उसका समापन हुआ।
निर्मोही ने रात्रि भोजन और विश्राम श्री बासुदेव गिरि संजय गिरि के निवास पर किया । वहीं रात को घर की महिलाओं ने निर्मोही एक फिल्मी गीत की ओडियो- वीडियो की फोन से रिकॉर्डिंग की ।
नेपाल के 7 अक्टूबर 2018 के अखबारों में कावासोती के फुल मून होटल के कार्यक्रम का समाचार छपा । दिल्ली लौटने के लिए फ्लाइट की बुकिंग करायी गई । श्री बासुदेव गिरि की कार द्वारा 7 अक्टूबर के दिन अन्य नेपाली गोस्वामियों के घर लेकर गए तथा उनके रहन-सहन का तरीका देखा और जाना । प्रसिद्ध भारद्वाज मंदिर देखा । फिर निर्मोही , श्री मदन गिरि तथा तुलसी गिरि काठमांडू के लिए रवाना हो गए । कुछ सफर श्री बासुदेव गिरि की कार से किया और बाकी सफ़र बस से । रात को हम तीनों काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर के सामने स्थित श्रद्धा होटल में ठहरे और वहीं भोजन किया, वहीं विश्राम किया। होटल में रात को लगभग 11 बजे ऑडियो- वीडियो बनाकर श्री मदन गिरि जी ने निर्मोही का लगभग डेढ़ घंटे तक इंटरव्यू लिया और जिसे सीधा ( लाइव ) प्रसारित किया गया । राजस्थान से संन्यासी दिलदार पुरी जी भी उससे जुड़े ।
8 अक्टूबर को सुबह चार बजे नहाये-धोये । फिर होटल छोड़ दिया और सुबह-सुबह के धुंधलके में पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन किये और प्रसाद ग्रहण किया।
.. सुबह सात बजे एयरपोर्ट पहुंच गये । 8 बजे की फ्लाइट से श्री मदन गिरि तथा श्री तुलसी गिरि ने निर्मोही को त्रिभुवन हवाई अड्डे से विदा किया । सुबह 11 तक निर्मोही नयी दिल्ली में अपने घर पहुंच गये।
निर्मोही के जीवन की यह अद्भुत , अद्वितीय , अभूतपूर्व , ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय घटना थी जिसकी याद सदैव तरोताज़ा करती रहेगी ।
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