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कई देशो में गोस्वामी समाज का परचम फहराने वाले दिल्ली के निर्मीही जी

प्रस्तुति:- आदित्य रमेश भारती नीमच 

व्यक्तिगत जानकारी -  

पूरा नाम :-  गिरिवर गिरि गोस्वामी  निर्मोही । पिता का नाम:-  स्व. श्री खुशी गिरि गोस्वामी । माता का नाम:- स्व. श्रीमती खेमवती गोस्वामी । पत्नी का नाम :- स्व. श्रीमती रूपेश्वरी गिरि । पारिवारिक सदस्य :- तीन पुत्र -- कुलदीप, दीक्षांत, मोहित । दो पुत्रबधुएं -- नीलम , आकांक्षा । दो पौत्र - दिव्यांश , पंशुल । एक पुत्री - लेखा , अमित ( जमाता ), दो दौहित्र -- मुकुल, कान्हा। जन्म तिथि- 01-01- 1953 ई. । जन्म भूमि :- जहांगीराबाद ( ज़िला - बुलंदशहर , उत्तर प्रदेश) ।  कर्मभूमि :- दिल्ली । शिक्षा :- एम. ए. ( अंग्रेजी , हिंदी , इतिहास , राजनीति विज्ञान ) बी.एड. । वर्ण :- शैव ब्राह्मण । जाति :-  गोस्वामी । जाति शाखा :- गिरि । ऋषिगोत्र :- भृगु । कुलगोत्र ( मढ़ी ) :- रामदत्ती । जीवन के आदर्श :- आदि शंकराचार्य , गोस्वामी तुलसी दास , स्वामी रामतीर्थ । शौक :- लेखन और गायन । वर्तमान पता :- निर्मोही कुटीर , ई - 77 , गली नं. - 28 ,  चाणक्य  प्लेस ( सी - 1 , जनकपुरी   के सामने ) , पंखा रोड , नयी दिल्ली - 110059 । मो. 9818461932  ।


विभिन्न व्यवसायों में निर्मोही :- पहले  दिल्ली में रेलवे में नौकरी , बाद में रेलवे की नौकरी छोड़कर दिल्ली में  कोचिंग सेंटर चलाया । फिर शासकीय शिक्षक ( टीचिंग सब्जेक्ट इंग्लिश ) । साहित्य और पत्रकारिता में भी हाथ आजमाये,  पत्नी ने पब्लिक स्कूल का संचालन किया और फिर कॉस्मेटिक एण्ड गारमेंट्स की दुकान को संभाला । दिल्ली में अपने मकान- दुकान बनाये।


शिक्षक के रूप में :- टेंशन फ्री शिक्षण, आधे पीरियड में विद्यार्थियों को पढ़ाया और आधे पीरियड में उनको गीत सुनाये। बच्चे भी खुश और अधिकारी भी खुश , 100% परीक्षा परिणाम ।


गायक के रूप में :- बचपन से ही गाने का शौक था । ईश्वर प्रदत्त उच्च एवं सुरीली आवाज । 10 साल की उम्र से स्टेजों पर गीत गाये और अभी तक यह सिलसिला जारी है । बहुत लोकप्रियता मिली ।


कवि के रूप में :- हिंदी और अंग्रेजी में गीत लिखे । हिंदी फिल्मों के गीतों को अंग्रेजी में अनुवादित करके गाया । गीतों की कई पुस्तकें लिखीं जैसे-- "निर्मोही  गीतमाला" ( 2003 ) , "निर्मोही गीतगंगा" ( 2007 ) , "निर्मोही की नज़र : गुरू का सफ़र " ( 2012) ।


रामायणी के रूप में :- "निर्मोही  सरल रामायण" ( 2012 ) प्रकाशित कराई  जिसमें पूरी रामायण को अपने शब्दों में 210 पदों में पूरा किया । हर पद में छ: पंक्तियां और पद के अंत में "निर्मोही" का नाम ताकि कोई इसकी नकल या चोरी न कर सके ।


लेखक के रूप में :- सैंकड़ों अखबारों और पत्रिकाओं में अनगिनत लेख प्रकाशित हुए । कई लेख धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुए जैसे-- " भारतीय दर्शन , धर्म और राजनीति पर दशनाम की छाप" ( 2003 ) , "आदि शंकराचार्य : एक बहुआयामी व्यक्तित्व" ( 2006- 07 ) । कुछ स्वतंत्र प्रकाशन भी हुआ जैसे -- "निर्मोही मीमांसा" -- एक पत्रक ( 2008 ) । निर्मोही के व्यक्तित्व - कृतित्व  -  कीर्तित्व पर आधारित "निर्मोहीनामा" ( 2013 ) , रामायण से भी भारी , अद्भुत , अद्वितीय और अभूतपूर्व महाग्रंथ "गोस्वामीनामा" ( 2017 ) प्रकाशित ।


इतिहासकार के रूप में :- एम.ए. ( इतिहास ) में कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी ने सम्मानित किया ( 1975 ) । "कुम्भ का इतिहास" धारावाहिक रूप से दिल्ली और अजमेर के अखबारों में प्रकाशित हुआ । "गोस्वामी समाज दिल्ली का इतिहास " भी दिल्ली और अजमेर के अखबारों ने प्रकाशित किया । दिल्ली के पब्लिक स्कूलों की कॉर्डिनेशन कमेटी की ओर से पं. दीनदयाल उपाध्याय डिग्री कॉलेज द्वारका नयी दिल्ली में  निर्मोही को इतिहासकार के रूप में  सम्मानित किया ( 2017 )।


कहानीकार के रूप में :- विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं में अब तक 21 कहानियां प्रकाशित जैसे -- नीच कहीं का ! ,गोरा, कौन है अपना कौन पराया ?, गुदड़ी का लाल, बहू, सोने के कंगन, बाज़ी  इत्यादि। 20 शानदार कहानियों को संकलित करके एक पुस्तक प्रकाशित कराई -- "निर्मोही कहानीलोक" ( 2020 ) । 


संस्मरणकार के रूप में :- अपने जीवन के विचित्र अनुभवों और घटनाओं को  विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं में अब तक 17 संस्मरणों के रूप में  प्रकाशित करवाया -- जैसे -- कब्रिस्तान में पहलवानी , बुरे फंसे हड़ताल में , गीत बने जान के जंजाल , जब सत्यवान मरते- मरते बचा इत्यादि । पाठकों ने इनका भरपूर आनंद उठाया और पढ़कर अच्छी- अच्छी प्रतिक्रियाएं भेजीं ।


समीक्षक के रूप में :-  देशभर के अनेक विद्वानों की सैंकड़ों पुस्तकों की  आलोचनाएं और समालोचनाएं लिखीं।


पत्रकार के रूप में :- दिल्ली से प्रकाशित मासिक पत्रिका "गोस्वामी समाज दर्पण" का  लम्बे समय तक सम्पादन किया ।  देशभर की अनेक गोस्वामी अखबारों और पत्रिकाओं ने  अपना सम्पादक , सह सम्पादक , संवाददाता , प्रतिनिधि , रिपोर्टर , सलाहकार , सहयोगी , विशिष्ट सहयोगी बनाया ।


उपन्यासकार के रूप में :- अदृश्य एवं अशरीरी आत्मा की कहानी पर आधारित उपन्यास "देवात्मा" प्रकाशित ( 2018 ) । भूत की कहानी कहते- कहते संन्यासियों के इतिहास का वर्णन किया है ।


प्रकाशक के रूप में :- प्रकाशकों से त्रस्त होकर स्वयं का पब्लिकेशन हाउस खोला जिसका नाम है -- "निर्मोही प्रकाशन " ।


विभिन्न टीवी चैनलों पर इंटरव्यू :- क्रिकेट टीम को नकली ट्रॉफी की अफवाह पर स्टार न्यूज को इंटरव्यू दिया ( अप्रैल 2011 ) । केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर कई टीवी चैनलों को इंटरव्यू दिया ( मई 2016 ) । पर्वतारोही कु० सीमा गोस्वामी को सरकार की ओर से कोई सहायता न मिलने और कुलदीप गोस्वामी के कत्ल को लेकर दिल्ली में जन्तर मन्तर और रामलीला मैदान में हुए आंदोलनों के समय स्टार न्यूज चैनल और अन्य चैनलों को इंटरव्यू दिये । नेपाल दशनाम गोस्वामी युवा सम्मेलन ( 6 अक्टूबर 2018 )  के अवसर पर नेपाल के दो टीवी चैनलों पर गोस्वामियों के इतिहास और दर्शन पर प्रकाश डाला ।


समाजसेवी के रूप में :- संस्था  - गोस्वामी समाज दिल्ली के सचिव , महासचिव एवं सम्पादक के रूप में लगभग 40 वर्षों तक काम किया । राष्ट्रीय स्तर पर भी काम करके अपनी अलग पहचान बनायी । गोस्वामियों में चेतना भरने के अनेक प्रांतों का दौरा किया । सामाजिक एवं सामूहिक विवाह समारोहों में बढ़- चढ़कर भाग लिया । दिल्ली में गोस्वामी धर्मशाला के लिए ज़मीन खरीदने और निर्माण कराने में आर्थिक सहायता दी । हिसार ( हरियाणा ) में गोस्वामी धर्मशाला के निर्माण में भी आर्थिक सहायता दी । गोस्वामी  युवक - युवतियों  की शादियां कराने के लिए वैवाहिक केंद्र खोला जिसके द्वारा नि:शुल्क एवं नि:स्वार्थ सेवा की ।  यदि किसी गोस्वामी पर  कहीं कोई अत्याचार हुआ तो उसके विरुद्ध सदैव आवाज़ बुलंद की। लोगों के सामने गोस्वामियों की सच्ची तस्वीर पेश की । हर मंच पर गोस्वामियों का मान- सम्मान बढ़ाया। 


एक्टिविस्ट के रूप में :- गोस्वामी समाज की मांगों को लेकर हुए आंदोलनों में बढ़ - चढ़कर हिस्सा लिया ।  7 सितंबर 2018 ई. को नयी दिल्ली में जन्तर मन्तर पर हुए धरना - प्रदर्शन में भाग लिया ।

                 हरियाणा निवासी माउंट एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही कु० सीमा गोस्वामी की नौकरी एवं स्व. कुलदीप गोस्वामी  की मौत को लेकर  10 से 12 फरवरी 2019  को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में भाग लिया । 12 फरवरी की रात्रि को दिल्ली पुलिस ने हमें धर दबोचा । इंस्पेक्टर ने धक्का मारकर मुझे नीचे गिरा दिया  । 

                 13 अगस्त 2019 को  बिहार में दाउदपुर रेलवे स्टेशन ( सारण ) पर जाकर  छट्ठू गिरि - फागू गिरि - कामता गिरि  शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की । समारोह में जेडीयू सांसद श्रीमती कविता सिंह भी उपस्थित थीं ।

                   7 सितंबर 2019 को कु. सीमा गोस्वामी और स्व. कुलदीप गिरि मौत के मामलों को लेकर नयी दिल्ली में हुए धरना - प्रदर्शन में पुनः भाग लिया ।

 पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में इंदौर से बीजेपी सांसद श्री शंकर लालवानी के नेतृत्व में हुए धरना - प्रदर्शन में भाग लिया और देशभक्ति का एक गीत भी प्रस्तुत किया ( 23 सितंबर 2019 ) ।


प्राप्त सम्मान एवं पुरस्कार :- 10 वर्ष की आयु में गाने के लिए शहर की नगरपालिका से पहला प्रथम श्रेणी का  पुरस्कार मिला ( सन् 1963 ई. ) । तब से लेकर अब तक ढेरों सम्मान एवं पुरस्कार मिले । सभी का वर्णन करना मुश्किल है , फिर भी कुछों के नाम हैं -- अटल बिहारी बाजपेयी अवंतिका राष्ट्रीय सम्मान , सरस्वती सम्मान , गोस्वामी रत्न , गोस्वामी गौरव , आधुनिक गोस्वामी तुलसीदास उपाधि सम्मान , साहित्य रत्न , काव्य कुसुम , साहित्यश्री , समाज रत्न , साहित्य गौरव । 


© महाग्रंथ "गोस्वामीनामा" से । लेखक - गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही , नयी दिल्ली , 9818461932


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